कौवा, काला सांप, और बुद्धिमान गिद्ध: जब चतुराई ने रची जीत की अनोखी रणनीति! (When Cleverness Crafted a Unique Strategy for Victory!)
एक खुशहाल घोंसला और एक छिपा हुआ खतरा
बहुत समय पहले की बात है, एक घने और विशाल जंगल के बीचों-बीच एक पुराना, ऊँचा और घना पेड़ खड़ा था। उसकी सबसे ऊँची और मजबूत शाखा पर एक कौवा और उसकी पत्नी रहते थे। यह दंपत्ति बेहद मेहनती था, और उन्होंने बड़े जतन से अपना घोंसला बनाया था। दोनों को अपने अंडों से बेहद लगाव था, क्योंकि वे जानते थे कि जल्द ही उनके छोटे-छोटे बच्चे दुनिया में आने वाले हैं।
लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक पाई। उसी पेड़ के तने के पास, एक गहरे बिल में एक काला सांप रहता था। यह सांप बेहद धूर्त और क्रूर था। वह हमेशा घोंसले की ओर नजरें गड़ाए रखता और मौका मिलते ही कौवे के अंडों को निगल जाता।
हर बार जब कौवा और उसकी पत्नी खाने की तलाश में बाहर जाते, सांप धीरे-धीरे बिल से बाहर निकलता, पेड़ पर चढ़ता और अंडों को अपना निवाला बना लेता। जब कौवा और उसकी पत्नी वापस लौटते, तो अपने घोंसले को खाली पाकर उनका दिल टूट जाता। उनके सपने हर बार चकनाचूर हो जाते।
सांप का आतंक और कौवे की बेबसी
एक बार फिर जब कौवा अपने अंडों को खो बैठा, तो उसकी पत्नी आँसुओं से भर गई। उसने अपने पति से कहा,
"हर बार यही होता है। हमने कितनी मेहनत से इन अंडों की रक्षा की, लेकिन वह दुष्ट सांप बार-बार हमारे सपनों को कुचल देता है। अब हमें कुछ करना ही होगा, वरना हमारी संतान कभी जन्म नहीं ले पाएगी।"
कौवे ने गहरी सांस ली। वह जानता था कि अकेले उस विशालकाय सांप से लड़ पाना मुश्किल है। उसे एक चतुर योजना की जरूरत थी।
बुद्धिमान गिद्ध के पास समाधान
कौवा सोच में पड़ गया। तभी उसे याद आया कि जंगल के दूसरे छोर पर एक बुद्धिमान गिद्ध रहता है। वह जंगल का सबसे अनुभवी और चतुर पक्षी था, जिसने कई कठिन परिस्थितियों में जानवरों की मदद की थी।
कौवा तुरंत गिद्ध के पास पहुँचा और रोते हुए अपनी परेशानी सुनाई। गिद्ध ने ध्यान से उसकी बात सुनी और मुस्कुराते हुए कहा,
"चिंता मत करो, मेरे दोस्त। ताकत से नहीं, बल्कि चतुराई से यह युद्ध जीतना होगा। मैं तुम्हें एक ऐसी योजना बताऊँगा, जिससे सांप हमेशा के लिए तुम्हारी जिंदगी से चला जाएगा।"
एक चालाक योजना का जन्म
गिद्ध ने एक चालाक योजना बनाई और कौवे से कहा,
"तुम्हें राजा के महल में जाना होगा। वहाँ रानी की पोशाक के साथ एक कीमती मोतियों का हार रखा होता है। जब कोई आसपास न हो, तो उसे उठाकर अपने घोंसले की ओर उड़ चलना। लेकिन ध्यान रखना, तुम्हें वह हार सीधे सांप के बिल के पास गिराना होगा। इसके बाद महल के पहरेदार अपना काम खुद कर देंगे।"
कौवे को यह योजना बहुत पसंद आई। वह तुरंत महल की ओर उड़ चला।
राजमहल में चोरी और राजा के सैनिकों की खोज
राजमहल में उस दिन गर्मी का समय था, और रानी अपने बगीचे में विश्राम कर रही थी। उसकी साड़ियों और गहनों का एक थाल वहीं रखा हुआ था। मौका देखकर कौवा तेजी से झपटा और अपनी चोंच में मोतियों का भारी हार उठा लिया।
महल में हलचल मच गई! पहरेदारों ने रानी की चीखें सुनीं, और तुरंत चारों ओर भागने लगे। कौवा बड़े आराम से उड़ता हुआ जंगल की ओर गया और गिद्ध की योजना के अनुसार उस हार को सांप के बिल के ठीक बाहर गिरा दिया।
थोड़ी ही देर में महल के सैनिक घोड़े दौड़ाते हुए जंगल में पहुँच गए। उन्हें जहाँ-जहाँ कौवे के उड़ने के निशान दिखे, वे उधर-उधर खोजबीन करने लगे। तभी एक सैनिक ने चमकते हुए हार को सांप के बिल के पास पड़ा देखा।
"वह रहा रानी का हार!" सैनिक चिल्लाया।
सांप का अंत और कौवे की जीत
सैनिकों ने हार को उठाने के लिए जैसे ही हाथ बढ़ाया, सांप फुफकारते हुए बाहर निकल आया। वह अपने बिल के आसपास हलचल देखकर गुस्से में आ गया था। लेकिन सैनिकों को उसकी जरा भी परवाह नहीं थी। वे डंडों और भालों से लैस थे।
"यह जहरीला सांप तो बहुत खतरनाक है, इसे मार डालो!" एक सैनिक ने आदेश दिया।
सैनिकों ने लाठियों और भालों से सांप पर हमला कर दिया। वह ज्यादा देर तक बच नहीं पाया और कुछ ही मिनटों में धराशायी हो गया। महल के पहरेदारों ने संतोष की साँस ली और हार को लेकर लौट गए।
कौवा और उसकी पत्नी दूर से यह सब देख रहे थे। वे खुशी से झूम उठे! उनकी सबसे बड़ी समस्या खत्म हो चुकी थी।
खुशहाल जीवन की नई शुरुआत
अब कौवे और उसकी पत्नी बेखौफ होकर अपने अंडों की देखभाल करने लगे। कुछ ही दिनों में उनके अंडों से प्यारे-प्यारे नन्हे बच्चे बाहर निकले। पूरा जंगल उनकी खुशी में शामिल हो गया। कौवे ने गिद्ध के पास जाकर उसका धन्यवाद किया और कहा,
"आपकी बुद्धिमानी ने हमें नया जीवन दिया। अब हम खुशी-खुशी अपने बच्चों के साथ रह सकते हैं।"
गिद्ध मुस्कुराया और बोला,
"याद रखो, ताकत हमेशा नहीं जीतती। सही समय पर सही योजना और चतुराई ही सबसे बड़ा हथियार होती है।"
शिक्षा
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि ताकत से नहीं, बल्कि बुद्धिमानी और रणनीति से कठिन से कठिन समस्या का हल निकाला जा सकता है। संकट के समय धैर्य और चतुराई से काम लेना ही असली जीत की कुंजी है।
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