सच्चा मित्र
कहानी:
बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में एक विशाल बरगद का पेड़ था। उस पेड़ की शाखाओं पर तरह-तरह के पक्षी अपने घोंसले बनाकर रहते थे। पेड़ के नीचे एक छोटी सी झाड़ी में एक चूहा और उसकी पत्नी भी रहते थे। इस जंगल में सभी जानवर और पक्षी एक-दूसरे के अच्छे दोस्त थे।
इसी पेड़ के नीचे एक हिरण, एक कछुआ, और एक कौवा भी रहते थे। ये तीनों बहुत अच्छे मित्र थे। तीनों एक-दूसरे का ध्यान रखते और मिल-जुलकर रहते थे। लेकिन जंगल में एक चालाक और खतरनाक शिकारी भी रहता था, जो हमेशा किसी न किसी जानवर को फंसाने की योजना बनाता रहता था।
एक दिन, शिकारी ने पेड़ के पास आकर अपना जाल बिछाया और खुद पेड़ की आड़ में छिपकर बैठ गया। वह जानता था कि इस पेड़ के पास अक्सर जानवर पानी पीने के लिए आते हैं, और वह किसी न किसी को जरूर फंसा लेगा।
थोड़ी देर बाद, वह हिरण पानी पीने के लिए आया। जैसे ही उसने पानी पीने के बाद अपने पैरों को उठाया, वह शिकारी के जाल में फंस गया। हिरण ने खुद को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन जाल इतना मजबूत था कि वह बाहर नहीं निकल सका। हिरण बहुत डर गया और जोर-जोर से मदद के लिए पुकारने लगा।
उसकी आवाज सुनकर कछुआ और कौवा दौड़कर आए। उन्होंने अपने दोस्त को जाल में फंसा देखा और बहुत दुखी हुए। उन्होंने जल्दी से उसे बचाने की योजना बनाई। कौवा उड़कर शिकारी की दिशा में गया और उसकी आँखों के सामने उड़ने लगा ताकि शिकारी का ध्यान भटक जाए।
इस बीच, कछुआ तेजी से चूहे के पास गया और उसे हिरण की स्थिति के बारे में बताया। चूहा तुरंत अपनी तेज धारदार दांतों से जाल काटने के लिए दौड़ा। कुछ ही देर में चूहे ने जाल काट दिया और हिरण को आजाद कर दिया।
हिरण ने राहत की साँस ली और अपने सभी दोस्तों का धन्यवाद किया। वह दौड़कर जंगल में वापस चला गया। शिकारी जब वापस आया, तो उसने देखा कि उसका जाल कटा हुआ है और हिरण वहां से भाग गया है। वह बहुत निराश हुआ और वहाँ से चला गया।
लेकिन कहानी यहाँ खत्म नहीं होती। शिकारी अभी भी जंगल में था और उसने कछुए को देख लिया। कछुआ, जो हिरण की मदद कर रहा था, अपनी धीमी गति के कारण शिकारी से भाग नहीं सका। शिकारी ने उसे पकड़ लिया और अपनी झोली में डाल लिया।
जब कौवे और हिरण ने यह देखा, तो वे बहुत घबरा गए। उन्होंने सोचा कि अब क्या किया जाए। कौवा फिर से अपने तेज दिमाग का उपयोग करने लगा। उसने हिरण को सुझाव दिया कि वह शिकारी के सामने जाकर दौड़ लगाए, ताकि शिकारी को यह लगे कि वह एक और जानवर पकड़ सकता है।
हिरण दौड़ता हुआ शिकारी के सामने आया और उसके आगे-आगे भागने लगा। शिकारी, जो एक बड़े शिकार के लालच में था, कछुए को वहीं छोड़कर हिरण के पीछे दौड़ पड़ा। जैसे ही शिकारी आगे बढ़ा, कौवा और चूहा जल्दी से कछुए के पास पहुंचे और उसकी झोली को काट दिया।
कछुआ जल्दी से बाहर निकल आया और जंगल में वापस चला गया। शिकारी ने जब हिरण को पकड़ने की कोशिश की, तो हिरण बहुत तेज दौड़ता हुआ उसकी नजरों से ओझल हो गया। निराश और थका हुआ शिकारी जंगल से खाली हाथ लौट गया।
हिरण, कछुआ, कौवा, और चूहा सब वापस उस पेड़ के पास आए और उन्होंने खुशी से एक-दूसरे का स्वागत किया। अब उन्होंने समझ लिया था कि सच्चे मित्र वे होते हैं जो किसी भी मुसीबत में साथ खड़े रहते हैं।
शिक्षा:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चा मित्र वही है जो संकट के समय में आपका साथ दे। बुद्धिमानी और सहयोग से किसी भी मुश्किल को हल किया जा सकता है। दोस्ती में एक-दूसरे का ख्याल रखना और मदद करना सबसे महत्वपूर्ण होता है।
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