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सिंह और सियार की कहानी - The Story of the Lion and the Jackal

सिंह और सियार की कहानी - The Story of the Lion and the Jackal Panchatantra kahaniyan in hindi


सिंह और सियार की कहानी - The Story of the Lion and the Jackal Panchatantra kahaniyan in hindi

सिंह और सियार की कहानी

भूमिका

"सिंह और सियार की कहानी" पंचतंत्र की उन कहानियों में से एक है, जो चतुराई, स्वार्थ और धोखे की महत्वपूर्ण सीख देती है। यह कहानी दिखाती है कि कैसे एक चालाक और स्वार्थी सियार अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को धोखा देता है, लेकिन अंततः उसे अपने ही जाल में फंसना पड़ता है।

शेर का राज्य

किसी जंगल में एक शक्तिशाली शेर रहता था, जो जंगल का राजा था। वह बहुत ही शक्तिशाली और क्रूर था, और जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे। शेर ने अपनी ताकत से पूरे जंगल पर राज किया। शेर के पास एक सियार भी था, जो उसका सेवक था और हमेशा उसकी चापलूसी किया करता था। सियार शेर की सेवा करके उससे भोजन प्राप्त करता था, और बदले में शेर के हर कार्य में उसकी सहायता करता था।

सियार की चतुराई

सियार बहुत चालाक और स्वार्थी था। वह हमेशा अपनी भलाई के बारे में सोचता था और शेर की मदद से अपना पेट भरता था। सियार ने सोचा कि अगर वह शेर को अच्छी तरह से खुश रखेगा, तो उसे शेर की कृपा से कभी भी भोजन की कमी नहीं होगी। इसलिए, वह हमेशा शेर की प्रशंसा करता रहता और उसे उसकी महानता का अहसास दिलाता रहता।

शेर का घमंड

सियार की चापलूसी के कारण शेर का घमंड दिन-ब-दिन बढ़ता गया। वह खुद को जंगल का सबसे महान और शक्तिशाली जानवर मानने लगा। सियार ने शेर के इस घमंड का पूरा फायदा उठाया और उसे हर समय अपनी बातों से फुसलाता रहा। शेर को यह लगता था कि सियार उसका सच्चा मित्र है, लेकिन सियार के मन में केवल स्वार्थ और धोखे की भावना थी।

शेर की बीमारी

एक दिन, शेर बहुत बीमार पड़ गया। वह अब शिकार के लिए जंगल में घूम नहीं सकता था, और उसकी भूख भी बहुत बढ़ गई थी। शेर की बीमारी का फायदा उठाते हुए, सियार ने सोचा कि अगर वह शेर को उसके अंतिम समय तक अपने साथ रखेगा, तो उसे शेर के हिस्से का शिकार आसानी से मिलता रहेगा।

सियार की चाल

सियार ने शेर से कहा, "महाराज, आप बहुत महान हैं। पूरा जंगल आपसे डरता है। अगर आप बीमार हैं, तो कोई बात नहीं, मैं आपके लिए शिकार लाऊंगा। आप बस अपनी गुफा में आराम करें।" शेर ने सियार की बात मान ली और उसे शिकार लाने की जिम्मेदारी दे दी।

सियार ने अपनी चालाकी से जंगल के अन्य जानवरों को शेर के भोजन के रूप में प्रस्तुत किया। वह जानवरों से कहता, "शेर महाराज ने तुम्हें अपने पास बुलाया है, वह तुम्हारे साथ एक महत्वपूर्ण बात करना चाहते हैं।" लेकिन जैसे ही जानवर शेर की गुफा के पास जाते, शेर उन्हें मारकर खा जाता।

शेर का संदेह

धीरे-धीरे, शेर को महसूस हुआ कि कोई भी जानवर उसके पास से वापस नहीं लौटता। उसने सियार से पूछा, "क्यों सियार, कोई भी जानवर यहां से वापस क्यों नहीं जाता?" सियार ने जवाब दिया, "महाराज, यह आपकी महानता है कि सभी जानवर आपके पास आकर आपके दर्शन करने के बाद स्वर्ग सिधार जाते हैं। वे आपके पास आने के बाद बहुत धन्य महसूस करते हैं।"

शेर को सियार की बातों पर थोड़ा संदेह हुआ, लेकिन उसने सोचा कि सियार उसकी चापलूसी कर रहा है, और उसने सियार की बातों पर यकीन कर लिया।

सियार की साजिश का अंत

एक दिन, सियार ने सोचा कि वह अब शेर को धोखा देकर खुद को जंगल का राजा बना सकता है। उसने शेर को धोखा देने के लिए एक योजना बनाई। उसने शेर से कहा, "महाराज, मैंने सुना है कि जंगल में एक बड़ा हाथी आया है, जो आपको चुनौती देना चाहता है। अगर आप उसे मार देंगे, तो आपकी शक्ति और बढ़ जाएगी।" शेर, जो पहले से ही बीमार और कमजोर था, सियार की बातों में आ गया और हाथी का शिकार करने के लिए निकल पड़ा।

लेकिन जैसे ही शेर हाथी का सामना करने गया, हाथी ने उसे अपनी सूंड से उठाकर दूर फेंक दिया। शेर बुरी तरह घायल हो गया और अपनी आखिरी सांसें लेने लगा।

सियार का पछतावा

शेर के मरते ही सियार खुश हो गया और सोचा कि अब वह जंगल का राजा बन जाएगा। लेकिन शेर के मरने के बाद, अन्य जानवरों ने सियार की साजिश को समझ लिया और उसे जंगल से बाहर खदेड़ दिया। सियार को अपनी चालाकी और धोखे का परिणाम भुगतना पड़ा और उसे जंगल में दर-दर भटकना पड़ा।

नैतिक शिक्षा

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि स्वार्थ और धोखे का अंत हमेशा बुरा ही होता है। सियार ने अपने स्वार्थ के लिए शेर को धोखा दिया, लेकिन अंत में उसे अपने ही जाल में फंसना पड़ा। इस कहानी का संदेश है कि हमें हमेशा सच्चाई, ईमानदारी और दूसरों की भलाई के बारे में सोचना चाहिए, न कि केवल अपने स्वार्थ के बारे में।


सिंह और सियार की कहानी - The Story of the Lion and the Jackal - Panchtantra kahaniyan

The Story of the Lion and the Jackal

Introduction: 

"The Story of the Lion and the Jackal" is one of the tales from the Panchatantra that imparts important lessons about cunning, selfishness, and deceit. This story illustrates how a clever and selfish jackal deceives others for his own gain but ultimately falls into his own trap.

The Lion’s Kingdom: 

In a dense jungle, there lived a powerful lion who was the king of the forest. He was very strong and fierce, and all the animals in the jungle feared him. The lion ruled the entire forest with his might. He had a jackal as his servant, who was always flattering him. The jackal served the lion and received food in return, assisting the lion in all his tasks.

The Jackal’s Cunning: 

The jackal was very cunning and selfish. He was always thinking about his own well-being and relied on the lion’s strength to fill his stomach. The jackal thought that if he kept the lion pleased, he would never have to worry about food. So, he constantly praised the lion and reminded him of his greatness.

The Lion’s Pride: 

Due to the jackal's constant flattery, the lion's pride grew day by day. He began to see himself as the greatest and most powerful animal in the jungle. The jackal took full advantage of the lion’s pride, continually flattering him with sweet words. The lion believed that the jackal was his true friend, but the jackal was driven only by selfishness and deceit.

The Lion Falls Ill: 

One day, the lion fell seriously ill. He could no longer roam the jungle to hunt, and his hunger grew stronger. The jackal saw this as an opportunity to take advantage of the lion’s weakness. He thought that if he stayed with the lion until his last breath, he could continue to enjoy the lion’s share of the prey.

The Jackal’s Plot: 

The jackal said to the lion, "Your Majesty, you are so great. The entire jungle fears you. If you are sick, no problem, I will bring the prey to you. You just rest in your cave." The lion agreed to the jackal's suggestion and gave him the responsibility of bringing food.

The jackal cleverly lured other animals into becoming the lion’s prey. He would tell the animals, "The king of the jungle has summoned you. He wishes to discuss something important with you." But as soon as the animals approached the lion’s cave, the lion would kill and eat them.

The Lion’s Suspicion: 

Gradually, the lion noticed that none of the animals who came to him ever returned. He asked the jackal, "Why do none of the animals return from here?" The jackal replied, "Your Majesty, it’s because of your greatness. The animals feel so blessed after meeting you that they ascend to heaven. They consider themselves fortunate to have met you."

The lion felt a bit suspicious of the jackal's words but dismissed it, thinking the jackal was just flattering him, and continued to believe in him.

The Jackal’s Scheme Backfires: 

One day, the jackal thought he could deceive the lion and become the king of the jungle himself. He devised a plan to trick the lion. The jackal told the lion, "Your Majesty, I’ve heard that a big elephant has entered the jungle and wants to challenge you. If you kill him, your power will grow even more." The lion, who was already weak and sick, fell for the jackal’s words and set out to hunt the elephant.

But as soon as the lion confronted the elephant, the elephant picked him up with his trunk and threw him far away. The lion was severely injured and breathed his last.

The Jackal’s Regret: 

As soon as the lion died, the jackal rejoiced, thinking he would now become the king of the jungle. But after the lion’s death, the other animals realized the jackal’s conspiracy and drove him out of the jungle. The jackal had to face the consequences of his cunning and deceit, and he wandered the jungle in misery.

Moral of the Story: 

This story teaches us that selfishness and deceit always lead to a bad end. The jackal deceived the lion for his own gain, but in the end, he fell into his own trap. The message of this story is that we should always value truth, honesty, and the well-being of others rather than being driven by selfish motives.

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