रंगा सियार की कहानी - The Story of the Painted Jackal - Panchtantra Kahaniya in Hindi
रंगा सियार की कहानी
भूमिका
पंचतंत्र की कहानियाँ जीवन की गहरी सीख और नैतिकता से भरपूर होती हैं। "रंगा सियार की कहानी" एक ऐसी ही रोचक और शिक्षाप्रद कहानी है, जो हमें दिखाती है कि झूठ, धोखा और धोखेबाज़ी से प्राप्त किया गया सम्मान और सत्ता स्थायी नहीं होती। इस कहानी में एक चालाक सियार का वर्णन है, जिसने अपने जीवन में झूठ और छल का सहारा लेकर सत्ता हासिल करने का प्रयास किया, लेकिन अंत में उसे अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ा।
सियार की भूख
किसी समय की बात है, एक घने जंगल में एक चालाक सियार रहता था। वह बहुत ही भूखा और कमजोर हो गया था, क्योंकि उसे कई दिनों से खाने के लिए कुछ भी नहीं मिला था। उसने जंगल के विभिन्न हिस्सों में शिकार की तलाश की, लेकिन कहीं भी उसे भोजन नहीं मिल पाया। उसकी भूख इतनी बढ़ गई थी कि वह बेहद बेचैन हो उठा और भूख के मारे उसके पैरों में जान नहीं बची थी।
गाँव में प्रवेश
आखिरकार, भूख से तंग आकर सियार ने सोचा कि जंगल में अब और कुछ नहीं बचा है, उसे गाँव की ओर जाना चाहिए। गाँव में उसे कुछ न कुछ खाने को मिल जाएगा। उसने तुरंत ही गाँव की ओर रुख किया और गाँव के बाहरी इलाके में पहुंचा। वहाँ उसने एक धोबी (कपड़े धोने वाला) के घर के पास कुछ मुर्गियों को देखा। सियार की भूख और बढ़ गई, और उसने सोचा कि इन्हें पकड़कर अपनी भूख मिटा लेगा।
सियार ने धीरे-धीरे मुर्गियों की ओर बढ़ना शुरू किया, लेकिन तभी धोबी का कुत्ता भौंकते हुए उसकी ओर दौड़ा। सियार घबरा गया और भागने लगा। भागते-भागते वह धोबी के घर के पीछे एक बड़े गड्ढे में गिर पड़ा। वह गड्ढा धोबी के कपड़े रंगने के लिए इस्तेमाल होने वाले नीले रंग से भरा हुआ था।
नीला सियार
जब सियार उस गड्ढे से बाहर निकला, तो उसका पूरा शरीर नीले रंग से रंग गया था। उसे देखकर कोई भी उसे पहचान नहीं सकता था। वह अपने नए रूप को देखकर बहुत हैरान हुआ, लेकिन फिर उसने अपनी इस नई पहचान का लाभ उठाने की योजना बनाई। उसने सोचा कि इस नीले रंग के कारण अब वह जंगल में एक नया और अजीब जानवर लग रहा है, और शायद इससे वह अपनी भूख मिटाने का नया तरीका ढूंढ सके।
जंगल में वापसी
सियार ने अपने नीले रंग को अपनी ताकत के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। वह वापस जंगल में गया और सभी जानवरों के सामने जाकर जोर से चिल्लाया, "सुनो, सुनो, सभी जानवरों! मैं तुम्हारे जंगल का नया राजा हूँ। भगवान ने मुझे खास तौर पर इस जंगल में भेजा है, ताकि मैं तुम्हारी देखभाल कर सकूं। अब से तुम सब मेरे अधीन रहोगे और मेरे आदेशों का पालन करोगे।"
सियार के अजीब और डरावने रूप को देखकर सभी जानवर डर गए। वे सियार की चालाकी को समझ नहीं पाए और सोचने लगे कि यह सच में कोई भगवान द्वारा भेजा गया विशेष प्राणी है। इसलिए सभी जानवरों ने उसे अपना राजा मान लिया और उसके आदेशों का पालन करने लगे।
सियार का छल
सियार अब राजा बन गया था और जंगल के सभी जानवर उसकी सेवा में लग गए। उसे अब कोई शिकार करने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि सारे जानवर स्वयं उसके लिए भोजन लाते थे। सियार अपनी इस नई पहचान और सत्ता का खूब आनंद ले रहा था। वह जंगल के हर कोने में अपनी धाक जमा चुका था।
लेकिन सियार अपनी नई पहचान के चलते अपने पुराने दोस्तों और परिवार से दूर हो गया था। उसने अपने सियार मित्रों से भी दूरी बना ली थी, ताकि वे उसकी असली पहचान न जान सकें। सियार का जीवन अब आरामदायक हो गया था, लेकिन वह अकेला महसूस करता था।
सियार की पोल खुली
एक दिन की बात है, सियार जंगल के बीचोबीच बैठा हुआ था और उसके सामने सारे जानवर उसके आदेश का पालन कर रहे थे। अचानक, कहीं दूर से कुछ सियारों के रोने की आवाज आई। यह सुनते ही सियार की पुरानी आदत जाग गई, और वह भी अपनी जातीय पहचान के अनुसार जोर-जोर से रोने लगा।
सियार का असली रंग उसी समय सबके सामने आ गया। उसके रोने की आवाज सुनते ही सभी जानवर समझ गए कि यह कोई भगवान का भेजा हुआ विशेष प्राणी नहीं, बल्कि उनका पुराना जान-पहचान का सियार ही है, जो उन्हें धोखा देकर उनकी सेवा करवा रहा था।
सजा और परिणाम
सारे जानवर बहुत नाराज हो गए और सियार को सबक सिखाने का निर्णय लिया। उन्होंने सियार को घेर लिया और उसकी खूब पिटाई की। सियार को अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागना पड़ा। वह जंगल से बाहर निकल गया और उसकी सारी सत्ता और सम्मान समाप्त हो गया।
नैतिक शिक्षा
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि झूठ, धोखे और चालाकी से हासिल की गई सत्ता और सम्मान कभी स्थायी नहीं होते। सियार ने छल का सहारा लेकर जंगल के जानवरों को धोखा दिया, लेकिन अंत में उसकी सच्चाई सामने आ गई और उसे अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ा। यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें हमेशा ईमानदारी और सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए, क्योंकि धोखे और छल से कभी भी स्थायी सफलता नहीं मिलती।
निष्कर्ष
"रंगा सियार की कहानी" एक शिक्षाप्रद कथा है जो हमें जीवन में सच्चाई और ईमानदारी का महत्व समझाती है। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि झूठ और धोखे से प्राप्त की गई सफलता अधिक समय तक टिक नहीं सकती। इसलिए, हमें हमेशा सही मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।
The Story of the Painted Jackal - Panchtantra Stories in English
The Story of the Painted Jackal
Introduction:
Panchatantra stories are filled with deep lessons and morals for life. "The Story of the Painted Jackal" is one such interesting and educational tale that shows us how respect and power gained through deceit and falsehood are never permanent. This story narrates the tale of a clever jackal who attempted to gain power by resorting to lies and trickery, only to face the consequences of his actions in the end.
The Hungry Jackal:
Once upon a time, in a dense forest, there lived a clever jackal. He had become very hungry and weak, as he hadn't found anything to eat for many days. He searched different parts of the forest for prey but couldn't find any food. His hunger had increased so much that he became very restless, and his legs had lost all strength due to starvation.
Entering the Village:
Finally, out of desperation, the jackal thought that there was nothing left in the forest, and he should head towards the village. He thought he might find something to eat there. Without further delay, the jackal set off towards the village and reached the outskirts. There, he saw some chickens near a washerman's house. His hunger grew even more, and he thought of catching them to satisfy his hunger.
The jackal began to slowly approach the chickens, but just then, the washerman's dog started barking and ran towards him. The jackal got scared and started running away. While running, he fell into a big pit behind the washerman's house. The pit was filled with blue dye, which was used by the washerman to color clothes.
The Blue Jackal:
When the jackal emerged from the pit, his entire body was dyed blue. No one could recognize him now. He was surprised to see his new appearance, but then he thought of using this new identity to his advantage. He thought, "With this blue color, I look like a new and strange creature in the forest. Maybe this will help me find a new way to satisfy my hunger."
Return to the Forest:
The jackal decided to use his blue color as his strength. He returned to the forest and loudly proclaimed in front of all the animals, "Listen, listen, all you animals! I am the new king of your forest. God has sent me here specially to take care of you all. From now on, you will all be under my command and follow my orders."
Seeing the jackal's strange and terrifying appearance, all the animals got scared. They couldn't understand the jackal's trick and began to believe that he was indeed a special creature sent by God. So, they accepted him as their king and started obeying his commands.
The Jackal's Deceit:
The jackal was now the king, and all the animals in the forest were serving him. He no longer needed to hunt, as all the animals themselves brought food for him. The jackal was enjoying his new identity and power immensely. He had established his dominance over every corner of the forest.
However, the jackal's new identity had distanced him from his old friends and family. He had even distanced himself from his fellow jackals to prevent them from discovering his true identity. Although the jackal's life had become comfortable, he felt lonely.
The Jackal's Exposure:
One day, the jackal was sitting in the middle of the forest with all the animals around him, following his orders. Suddenly, he heard the howling of jackals from somewhere far away. As soon as he heard this, his old habits resurfaced, and he too started howling loudly, according to his nature.
At that moment, the jackal's true identity was revealed to everyone. Upon hearing his howling, all the animals realized that this was no special creature sent by God but their old acquaintance, the jackal, who had deceived them into serving him.
Punishment and Consequences:
All the animals became very angry and decided to teach the jackal a lesson. They surrounded him and gave him a severe beating. The jackal had to flee from the forest to save his life, losing all his power and respect in the process.
Moral of the Story:
This story teaches us that power and respect gained through lies, deceit, and trickery are never permanent. The jackal deceived the animals of the forest, but eventually, his true nature was exposed, and he had to face the consequences of his actions. The story teaches us the importance of honesty and integrity in life. Success achieved through deceit and dishonesty never lasts.
Conclusion:
"The Story of the Painted Jackal" is an educational tale that highlights the importance of truth and honesty in life. It reminds us that success gained through lies and deceit is short-lived. Therefore, we should always strive to walk the path of righteousness, regardless of the circumstances.
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