अंजान साया जुनून और डर की एक खौफनाक दास्तान - Unknown Shadow A Chilling Tale of Obsession and Fear - Hindi Kahani
कहानी: "अंजान साया"
अध्याय 1: रहस्यमयी फोन कॉल्स
मध्य रात्रि का समय था। रिया अपने कमरे में बैठी पढ़ाई कर रही थी, जब अचानक उसका फोन बजा। उसने स्क्रीन पर देखा, कोई अनजान नंबर था। थोड़ी झिझक के साथ उसने फोन उठाया। दूसरी तरफ से कोई आवाज़ नहीं आई। कुछ सेकंड इंतज़ार करने के बाद, उसने फोन काट दिया और इसे कोई गलतफहमी समझकर फिर से अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गई।
लेकिन अगले ही पल, फोन फिर से बज उठा। वही अनजान नंबर। इस बार रिया को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन फिर भी उसने फोन उठाया। दूसरी तरफ से एक धीमी, डरावनी आवाज़ आई, "मैं तुम्हें देख रहा हूँ, रिया।" यह सुनकर रिया के दिल की धड़कन तेज हो गई। उसने तुरंत फोन काट दिया और अपने चारों ओर देखा। उसे कुछ समझ नहीं आया कि यह कौन हो सकता है। उसकी खिड़की से बाहर घना अंधेरा था और सबकुछ शांत था, पर उस अजनबी की आवाज़ ने उसके मन में एक अजीब डर बैठा दिया।
अगले कुछ दिन तक यह सिलसिला चलता रहा। हर रात, उसी समय, उसे उस अनजान नंबर से कॉल आती, और हर बार वही डरावनी आवाज़ सुनाई देती, "मैं तुम्हारे बहुत करीब हूँ, रिया।" वह अब डरने लगी थी। उसने अपने दोस्तों को बताया, पर किसी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने इसे सिर्फ किसी का मज़ाक समझा।
अध्याय 2: छाया का एहसास
रिया एक खुशमिजाज और आत्मविश्वासी लड़की थी। वह दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी और अपनी ज़िंदगी में अपने करियर को लेकर पूरी तरह से केंद्रित थी। उसके दोस्तों का एक अच्छा ग्रुप था, जिसमें उसका सबसे अच्छा दोस्त समीर भी शामिल था। समीर हमेशा रिया के साथ था, चाहे कोई भी मुश्किल हो।
रिया ने सोचा कि यह सब फोन कॉल्स शायद किसी का बचकाना मज़ाक है, लेकिन धीरे-धीरे वह महसूस करने लगी कि उसके आस-पास कोई छाया है। जब वह अकेली होती, उसे लगता कोई उसे देख रहा है। उसके पीछे एक अंजान साया था, जो उसकी हर हरकत पर नजर रख रहा था।
एक शाम, जब रिया कॉलेज से वापस आ रही थी, उसे फिर से वही अनजान नंबर से कॉल आया। इस बार आवाज़ और भी ठंडी थी, "मैं तुम्हारे पीछे हूँ। मुड़कर देखो।" रिया का शरीर कांपने लगा। वह धीरे-धीरे मुड़ी, लेकिन उसे कोई नहीं दिखा। अब यह मज़ाक नहीं था, यह कुछ और ही था—कुछ ऐसा जो उसकी जिंदगी को बदलने वाला था।
अध्याय 3: छिपा हुआ जुनून
समीर रिया का सबसे अच्छा दोस्त था। वे एक-दूसरे के बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। समीर अक्सर रिया के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करता। वह उसका ख्याल रखता और जब भी रिया परेशान होती, वह उसके लिए ढाल बन जाता।
लेकिन समीर की एक गहरी, खतरनाक सच्चाई थी, जिसे रिया नहीं जानती थी। समीर सिर्फ एक दोस्त नहीं था। उसके दिल में रिया के लिए एक जुनून था, जो अब खतरनाक रूप ले चुका था। समीर को धीरे-धीरे यह अहसास होने लगा था कि रिया उसकी नहीं हो सकती। वह उसका सिर्फ दोस्त था और रिया उसे एक अच्छे दोस्त से ज्यादा कुछ नहीं समझती थी।
समीर के अंदर की जलन और जुनून उसे धीरे-धीरे एक खतरनाक रास्ते पर ले जा रहा था। उसने रिया को पाने की ठान ली थी, चाहे उसे इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े।
अध्याय 4: एक तरफ़ा प्यार
रिया को समीर पर पूरा भरोसा था। वह उसके लिए सबसे भरोसेमंद इंसान था। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि समीर का यह दोस्ताना व्यवहार उसकी आड़ में एक भयानक जुनून को छिपाए हुए था।
समीर ने कई बार रिया से अपने दिल की बात कहने की कोशिश की, लेकिन हर बार रुक जाता। उसे डर था कि रिया उसकी सच्चाई जानकर उसे हमेशा के लिए छोड़ देगी। इसलिए उसने रिया के साथ अपने मनोविकार को एक नए तरीके से व्यक्त करना शुरू किया—फोन कॉल्स के जरिए।
समीर ने अपना एक अलग व्यक्तित्व बनाया, जिससे वह रिया को डराने लगा। उसे यह देखकर अजीब संतोष मिलता था कि रिया हर कॉल के बाद डर जाती थी। समीर का प्यार अब विकृत हो चुका था। उसने अपने दिल में ठान लिया था कि अगर रिया उसकी नहीं हो सकती, तो वह किसी और की भी नहीं होगी।
अध्याय 5: एक भयावह सच
रिया का डर अब बढ़ता जा रहा था। उसे महसूस होने लगा था कि कोई उसकी हर गतिविधि पर नज़र रख रहा है। उसने समीर को अपने डर के बारे में बताया। समीर ने उसे सांत्वना दी, लेकिन उसके मन में कुछ और ही चल रहा था। वह अब पूरी तरह से अपनी धुन में खो गया था और रिया को अपना बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार था।
रिया ने अपने कॉलेज के दूसरे दोस्त अर्जुन से मदद मांगी। अर्जुन रिया का अच्छा दोस्त था, और वह उसके डर को गंभीरता से ले रहा था। अर्जुन ने रिया को सुझाव दिया कि वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराए। लेकिन रिया ने सोचा कि अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं है और शायद यह सिर्फ कोई मज़ाक ही हो।
इस बीच, समीर और अर्जुन के बीच एक अनकही दुश्मनी बढ़ने लगी। अर्जुन को समीर पर शक होने लगा, क्योंकि समीर की हरकतें अब अजीब लगने लगी थीं। अर्जुन ने रिया से कहा, "तुम्हें समीर से थोड़ा दूर रहना चाहिए। मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा।"
लेकिन रिया ने अर्जुन की बातों को नज़रअंदाज किया, क्योंकि वह समीर को बहुत अच्छे से जानती थी। उसे विश्वास था कि समीर ऐसा कुछ नहीं कर सकता।
अध्याय 6: डर का चरमोत्कर्ष
एक रात, रिया को फिर से वही अनजान कॉल आया। लेकिन इस बार, आवाज़ ने सिर्फ कहा, "अब इंतज़ार खत्म हुआ। कल तुम्हारी ज़िंदगी का आखिरी दिन होगा।" रिया के हाथ-पांव ठंडे हो गए। वह समझ नहीं पा रही थी कि यह क्या हो रहा है। उसने समीर को तुरंत फोन किया और अपने डर को साझा किया।
समीर ने कहा, "तुम्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मैं तुम्हारे साथ हूँ।"
लेकिन अगले ही दिन, जब रिया कॉलेज जा रही थी, उसे महसूस हुआ कि कोई उसका पीछा कर रहा है। उसने पीछे मुड़कर देखा, पर उसे कोई नजर नहीं आया। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा और वह कॉलेज के अंदर भाग गई।
अर्जुन ने उसे देखा और कहा, "यह सब और नहीं चलेगा, रिया। हमें कुछ करना होगा।"
अध्याय 7: आखिरी सामना
अर्जुन और रिया ने तय किया कि वे अनजान कॉल करने वाले को एक जाल में फँसाएंगे। उन्होंने समीर को भी इस योजना में शामिल कर लिया, क्योंकि रिया को उस पर भरोसा था।
अर्जुन ने रिया से कहा कि वह उस नंबर को ट्रेस करने की कोशिश करेगा और फिर वे मिलकर पुलिस को जानकारी देंगे। लेकिन इसी बीच, समीर के मन में कुछ और ही चल रहा था। उसने सोच लिया था कि वह अब इस खेल को खत्म कर देगा।
रिया और अर्जुन ने जैसे ही योजना बनाई, उसी रात समीर ने अपने आखिरी कदम की तैयारी कर ली। उसने एक पुराना बंगला चुना, जहां वह रिया को लेकर जाएगा।
अध्याय 8: नसीब का फैसला
अर्जुन ने आखिरकार उस नंबर को ट्रेस कर लिया, लेकिन जो पता सामने आया, वह चौका देने वाला था। वह नंबर समीर के नाम पर था। अर्जुन को यह जानकर गहरा धक्का लगा। उसने तुरंत रिया को बताया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
समीर ने रिया को एक बहाने से उस पुराने बंगले में बुलाया। जब रिया वहां पहुंची, तो समीर का असली चेहरा सामने आया। उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वह अपने जुनून में पूरी तरह से डूब चुका हो।
समीर ने कहा, "तुम्हें पता है, रिया? मैं तुम्हें किसी और के साथ नहीं देख सकता। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, लेकिन तुमने मुझे कभी समझा ही नहीं।"
रिया घबराई हुई थी। उसने समीर को समझाने की कोशिश की, लेकिन समीर अब अपने होश खो चुका था। तभी अर्जुन वहां पहुंचा और उसने समीर को रोकने की कोशिश की।
एक भयानक संघर्ष के बाद, आखिरकार अर्जुन ने समीर को पुलिस के हवाले कर दिया।
अध्याय 9: नई शुरुआत
समीर को उसकी हरकतों की सजा मिल गई। रिया ने इस घटना से उबरने की कोशिश की और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ी। अर्जुन ने हर कदम पर उसका साथ दिया।
यह कहानी सिर्फ एक खतरनाक जुनून की नहीं, बल्कि यह एक चेतावनी है कि एकतरफा प्यार कभी भी किसी को सही रास्ते पर नहीं ले जा सकता।
0 टिप्पणियाँ