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फूलों वाला भिखारी – A Motivational Story of a Beggar



🌸 फूलों वाला भिखारी – A Motivational Story of a Beggar 🌸

🚉 रेलवे स्टेशन पर रोज़ की जद्दोजहद – Daily Struggles at the Railway Station

एक गरीब भिखारी रोज़ की तरह रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर भीख माँग रहा था। फटे पुराने कपड़े, धूप से झुलसा हुआ चेहरा और हाथ में एक पुराना कटोरा—उसकी दुनिया बस इतनी ही थी।

"कुछ दया करो बाबा, भगवान भला करेगा," वह यात्रियों से गुहार लगाता, लेकिन ज्यादातर लोग अनदेखा कर देते। कुछ सिक्के डालते, तो कुछ उसे डाँटकर आगे बढ़ जाते।

लेकिन उस दिन किस्मत ने करवट ली।


💼 एक अनजान व्यापारी से मुलाकात – An Encounter with a Businessman

एक ट्रेन रुकी और उसमें से एक रौबदार व्यक्ति उतरा। सूट-बूट पहने, हाथ में चमचमाता ब्रीफ़केस, आँखों में आत्मविश्वास की चमक। भिखारी ने हमेशा की तरह कटोरा आगे बढ़ाया, "साहब, कुछ मदद कर दो।"

व्यक्ति ने उसे देखा और मुस्कुराकर कहा, "मैं लेन-देन में विश्वास करता हूँ। अगर मैं तुम्हें कुछ दूँ, तो बदले में तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो?"

भिखारी चौंक गया। पहली बार किसी ने भीख माँगने पर इस तरह सवाल किया था। झेंपते हुए बोला, "साहब, मैं गरीब आदमी हूँ, मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं है।"

व्यक्ति ने सिर हिलाया और बोला, "तो फिर मैं तुम्हें कुछ क्यों दूँ?" और आगे बढ़ गया।

भिखारी के हाथ का कटोरा अब भी फैला था, लेकिन इस बार उसमें सिक्कों से ज्यादा सवाल थे।


🧠 एक सवाल जो सोचने पर मजबूर कर गया – A Question That Changed His Thinking

"क्या सच में मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं है?"
"क्या इसलिए मुझे रोज़ कम भीख मिलती है?"

सोचते-सोचते उसकी नज़र पास के छोटे से बगीचे पर पड़ी, जहाँ रंग-बिरंगे फूल खिले थे। अचानक उसके दिमाग में एक विचार आया—"अगर मैं भीख देने वालों को कुछ दूँ, तो क्या वे ज्यादा खुशी से देंगे?"


🌼 एक नई शुरुआत – A New Beginning with Flowers

अगले दिन भिखारी ने अपनी भीख माँगने की तरकीब बदल दी। वह सुबह-सुबह बगीचे में गया, कुछ सुंदर फूल तोड़े और स्टेशन पर जाकर बैठ गया।

अब जब कोई उसे सिक्का देता, तो वह मुस्कुराकर बदले में एक फूल देता और कहता, "भगवान आपका दिन खुशहाल करे!"

पहले लोग चौंके, फिर धीरे-धीरे मुस्कुराने लगे। कुछ ने खुशी-खुशी उसे पैसे दिए और बदले में फूल लेना पसंद किया। अब वह सिर्फ भिखारी नहीं था—वह "फूलों वाला भिखारी" बन चुका था।

धीरे-धीरे यह बात पूरे स्टेशन पर फैल गई। लोग उसे पहचानने लगे। यात्रियों को वह अब सिर्फ एक भिखारी नहीं, बल्कि मुस्कान बाँटने वाला इंसान लगने लगा।


👨‍💼 वही व्यापारी दोबारा मिला – The Businessman Returns

कुछ हफ्तों बाद वही व्यापारी फिर से स्टेशन पर आया। उसने भिखारी को देखा और मुस्कुराया।

"तो, यह बदलाव कैसे हुआ?"

भिखारी ने सिर झुकाकर कहा, "साहब, आपकी एक बात ने मेरी ज़िंदगी बदल दी। मैंने समझ लिया कि अगर मैं दूसरों को कुछ खुशी दूँ, तो ही मुझे बदले में कुछ अच्छा मिलेगा।"

व्यापारी उसकी मेहनत से प्रभावित हुआ और बोला, "अगर तुम इतनी दूर तक सोच सकते हो, तो तुम भिखारी बनने के लिए नहीं बने हो! क्या तुम मेरे साथ काम करना चाहोगे?"

भिखारी की आँखों में चमक आ गई। एक समय था जब वह भीख माँगता था, और आज वही व्यक्ति उसे नौकरी देने को तैयार था!


🌿 मेहनत की कमाई – A New Life with Hard Work

कुछ ही महीनों में वह एक फूलों की दुकान चलाने लगा। अब वह किसी से भीख नहीं माँगता था, बल्कि अपनी मेहनत से कमाता था। स्टेशन पर रोज़ आने वाले लोग उसकी सफलता की कहानी सुनते और प्रेरित होते।

वही प्लेटफॉर्म, वही लोग—लेकिन अब पहचान बदल चुकी थी। वह अब "फूलों वाला भिखारी" नहीं, बल्कि "फूलों वाला व्यवसायी" बन चुका था।


📖 कहानी की सीख – Moral of the Story

🌸 अगर जीवन में कुछ पाना है, तो पहले देना सीखो।
🌸 सिर्फ माँगने से कुछ नहीं मिलता, बल्कि कुछ देने से ही दुनिया बदलेगी।
🌸 बदलाव खुद की सोच से शुरू होता है।

💐 "जिंदगी में हमेशा फूलों की तरह खुशबू बाँटो, फिर देखो, खुशियाँ खुद-ब-खुद तुम्हारी झोली में गिरेंगी!" 💐

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