काकोलुकीयम् (Kakolukiyam) पंचतंत्र का तीसरा खंड है, जिसमें मुख्य रूप से विवेक, धोखा, और धैर्य से जुड़े विभिन्न प्रसंगों और कहानियों का संकलन किया गया है। इस खंड में जंगल में रहने वाले पक्षियों और जानवरों की कहानियों को शामिल किया गया है, जो विभिन्न परिस्थितियों में अपनी बुद्धिमत्ता और चालाकी से समस्याओं का समाधान करते हैं। इस खंड की कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि कैसे कठिन समय में धैर्य और समझदारी से काम लेकर हम अपने दुश्मनों को हरा सकते हैं और विजय प्राप्त कर सकते हैं।
काकोलुकीयम् (Kakolukiyam) की प्रमुख कहानियाँ:
- दो मित्र और सियार
यह कहानी दो मित्रों—एक कौआ और एक कबूतर की है, जो एक सियार की चालाकियों का सामना करते हैं। सियार की चालाकी और मित्रों की समझदारी का यह संघर्ष एक महत्वपूर्ण शिक्षा देता है कि हमें अपने दोस्तों पर विश्वास करना चाहिए और शत्रुओं की चालों से बचना चाहिए। - सियार, बकरी और सिंह
इस कहानी में एक सियार, एक बकरी, और एक सिंह के बीच का संघर्ष दर्शाया गया है। सियार अपनी चालाकी से बकरी और सिंह को आपस में लड़ाने की कोशिश करता है, लेकिन अंत में उसकी चालाकी बेकार हो जाती है। - कौआ और उदार सारिका
यह कहानी एक कौआ और एक उदार सारिका की है। कौआ अपनी चालाकी से सारिका को धोखा देने की कोशिश करता है, लेकिन सारिका अपनी समझदारी से कौए को मात देती है। - चतुर सियार और घमंडी सिंह
इस कहानी में एक घमंडी सिंह और एक चतुर सियार की कथा है। सियार अपनी बुद्धिमत्ता से सिंह को धोखा देता है और उसे एक गहरे गड्ढे में गिरा देता है, जहाँ से सिंह कभी बाहर नहीं आ पाता। - सारस और कछुआ
यह कहानी एक चालाक सारस और एक कछुआ की है। सारस कछुआ को धोखा देकर उसे नदी में फेंकने की कोशिश करता है, लेकिन कछुआ अपनी चतुराई से सारस को मात देता है।
काकोलुकीयम् (Kakolukiyam) की उपकथाएँ:
गाय और बाघ की कहानी
एक बाघ और एक गाय के बीच का संघर्ष, जिसमें बाघ गाय को धोखा देने की कोशिश करता है। गाय अपनी समझदारी और धैर्य से बाघ को हराती है।
कौआ, सियार और गीदड़ की कथा
इस कथा में कौआ, सियार और गीदड़ के बीच की चालाकियों का वर्णन है। सियार और गीदड़ कौए को धोखा देने की कोशिश करते हैं, लेकिन कौआ अपनी बुद्धिमत्ता से उन्हें मात देता है।
लोमड़ी और हंस की कहानी
एक लोमड़ी और हंस के बीच का संघर्ष, जिसमें लोमड़ी हंस को धोखा देने की कोशिश करती है। हंस अपनी चतुराई से लोमड़ी को हराती है।
भेड़िया और बकरी की कहानी
यह कहानी एक भेड़िये और एक बकरी के बीच की है। भेड़िया बकरी को खाने की कोशिश करता है, लेकिन बकरी अपनी चतुराई से उसे मात देती है।
कबूतर और बाज की कहानी
इस कहानी में एक कबूतर और बाज के बीच का संघर्ष है, जिसमें कबूतर बाज से बचने के लिए अपनी चतुराई का उपयोग करता है और अंत में बच निकलता है।
चालाक सियार और मोटा शेर
इस कथा में एक सियार और एक मोटे शेर के बीच का संघर्ष है। सियार अपनी चालाकी से शेर को धोखा देता है और अंत में शेर की हार होती है।
उल्लू और खरगोश की कथा
यह कहानी एक उल्लू और एक खरगोश के बीच की है। खरगोश अपनी चालाकी से उल्लू को मात देता है और अपनी जान बचाता है।
बंदर और मगरमच्छ की कहानी
इस कथा में एक बंदर और मगरमच्छ के बीच का संघर्ष है, जिसमें बंदर अपनी चतुराई से मगरमच्छ को हराता है और सुरक्षित वापस लौटता है।
चतुर बकरी और चालाक सियार
यह कहानी एक चतुर बकरी और एक चालाक सियार के बीच की है। सियार बकरी को धोखा देने की कोशिश करता है, लेकिन बकरी उसकी चालाकी को समझ जाती है और उसे मात देती है।
मूर्ख गधा और चालाक सियार
यह कथा एक मूर्ख गधा और एक चालाक सियार के बीच की है। सियार गधे को धोखा देने की कोशिश करता है, लेकिन अंत में गधा अपनी समझदारी से सियार को मात देता है।
काकोलुकीयम् (Kakolukiyam) खंड की ये कहानियाँ और उपकथाएँ यह सिखाती हैं कि जीवन में विवेक, धैर्य और चालाकी का कितना महत्व है। ये कहानियाँ यह भी बताती हैं कि कठिन समय में धैर्य और समझदारी से काम लेकर हम अपने दुश्मनों को हरा सकते हैं और विजय प्राप्त कर सकते हैं। इन कहानियों के माध्यम से पंचतंत्र यह संदेश देता है कि जीवन में सही निर्णय और बुद्धिमत्ता का प्रयोग करना ही सच्ची विजय की कुंजी है।